जानिए, मोटे लोगों को क्यों है कोरोना से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
अस्पताल से भागी महिला पाई गई कोरोना वायरस से संक्रमित
अखिल राज सिंह, लखनऊ
अभी तक ये सवाल पूछे जा रहे थे कि कोरोना वायरस की वजह से बूढ़े बीमार होंगे या जवान. अब एक नया और ज्यादा खतरनाक सवाल दुनिया के सामने आ रहा है. सवाल ये है कि क्या कोरोना वायरस मोटे यानी ज्यादा वजनी लोगों को अधिक नुकसान पहुंचाता है? तो आप ये जान ले कि यूरोप के नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक यूरोप में जितने भी लोग बीमार हुए हैं उनमें से दो तिहाई मोटे लोग हैं.
NHS मुताबिक अगर आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा चर्बी है, आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) ज्यादा है. तो आपके लिए कोरोना वायरस का खतरा बढ़ जाता है. यूरोप में कोरोना वायरस की वजह से गंभीर रूप से बीमार लोगों में दो तिहाई लोग मोटे हैं.
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Almost two thirds of critically ill coronavirus patients are overweight https://trib.al/DhBKyIF
Being obese raises coronavirus risk: Medics warn
A report by senior doctors has revealed 63 per cent of patients receiving intensive care in UK hospitals after contracting the coronavirus are overweight, obese or morbidly obese.
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इसके अलावा NHS ने यह भी बताया कि गंभीर रूप से बीमार लोगों में 40 फीसदी लोग 60 साल से नीचे हैं और मोटे हैं. आपको बता दें कि अकेले यूनाइटेड किंगडम में कोरोना से संक्रमित कुल मरीजों में से 63 प्रतिशत ICU में हैं. ये सारे के सारे मोटे हैं या ज्यादा बीएमआई वाले हैं. (
पिछले 24 घंटों में यूके में एक समय में करीब 194 लोग ICU में एडमिट हो रहे हैं. इनमें से करीब 130 लोग अपने शरीर के मुताबिक ज्यादा वजनी हैं. कोविड-19 कोरोना वायरस ऐसे मोटे लोगों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकता है.
ICU में एक समय में भर्ती 194 लोगों में से 139 मरीज पुरुष हैं. यानी करीब 71 फीसदी. जबकि, महिलाएं 57 भर्ती हो रही हैं. यानी 29 प्रतिशत. इन मरीजों में से 18 मरीज ऐसे होते हैं जिनको फेफड़ों या दिल संबंधी बीमारी होती है. यानी मोटापे की वजह से जन्मी बीमारियां आदि.
पहले भी कई बार ऐसे अध्ययन हो चुके हैं जिसमें बताया गया था कि मोटे लोगों को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. साथ ही इन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारियों के होने की आशंका भी ज्यादा रहती है.
डॉक्टरों का भी मानना है कि मोटे लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उतनी अच्छी नहीं होती जितने दुबले या फिट लोगों की होती है. क्योंकि ये लोग फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स वाले भोजन नहीं करते. इससे इनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है.
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ज्यादा वजन होने से या मोटापा होने की वजह से शरीर के डायाफ्रॉम और फेफड़ों को फूलने-पिचकने में दिक्कत होती है. यानी भरपूर सांस लेने में दिक्कत होती है. मोटे लोगों की सांस जल्दी फूलने लगती है. इसलिए उनके शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा नहीं पहुंचती. (फोटोः रॉयटर्स)
जानिए, मोटे लोगों को क्यों है कोरोना से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
ऐसी हालात में मोटे लोगों के साथ कोरोना के संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है. वैसे भी यूके में इस समय 6650 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. 335 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि पूरी दुनिया में 3.50 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित है. 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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