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विधि आयोग ने तो इसे अमली जामा पहनाने के लिए एक चटिल कानूनी ढांचे की जरूरत बताई है। विधि आयोग ने पिछले साल अगस्त में एक देश एक चुनाव के नियम को लागू करने के लिए लोकसभा और विधानसभा के कार्यकाल वाले संविधान के अनुच्छेत 83(2) और अनुच्छेद 172(1) में संशोधन और लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम लाने का सुझाव दिया था।
विधि आयोग के मुताबिक लोक सभा और विधान सभा चुनावों को एक साथ दो चरणों में कराया जा सकता है लेकिन इसके लिए संविधान के कम से कम दो प्रावधानों में संशोधन करना होगा और इसे सभी राज्यों में पूर्ण बहुमत से पारित कराना होगा।
कानून विशेषज्ञों की राय से सहमति जाताते हुए पूर्व मुख्य चुनावायुक्त टीएस कृष्णामूर्ति ने कहा कि एक देश एक चुनाव का ख्याल लुभावना तो है लेकिन इसको साकार करना मुश्किल होगा इसके लिए संविधान संशोधन ही एक मात्र रास्ता है।
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एक देश एक चुनाव: कानून विशेषज्ञों की राय, पहल अच्छी पर अमल मुश्किल
पीएम मोदी की पूर्ण बहुमत वाली दूसरी सरकार के पहले प्रस्ताव एक देश एक चुनाव को कानून विशेषज्ञ एक अच्छी पहल मान रहे हैं लेकिन इसको अमल में लाना उतना ही मुश्किल बता रहे हैं।
विधि आयोग ने तो इसे अमली जामा पहनाने के लिए एक चटिल कानूनी ढांचे की जरूरत बताई है। विधि आयोग ने पिछले साल अगस्त में एक देश एक चुनाव के नियम को लागू करने के लिए लोकसभा और विधानसभा के कार्यकाल वाले संविधान के अनुच्छेत 83(2) और अनुच्छेद 172(1) में संशोधन और लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम लाने का सुझाव दिया था।
विधि आयोग के मुताबिक लोक सभा और विधान सभा चुनावों को एक साथ दो चरणों में कराया जा सकता है लेकिन इसके लिए संविधान के कम से कम दो प्रावधानों में संशोधन करना होगा और इसे सभी राज्यों में पूर्ण बहुमत से पारित कराना होगा।
कानून विशेषज्ञों की राय से सहमति जाताते हुए पूर्व मुख्य चुनावायुक्त टीएस कृष्णामूर्ति ने कहा कि एक देश एक चुनाव का ख्याल लुभावना तो है लेकिन इसको साकार करना मुश्किल होगा इसके लिए संविधान संशोधन ही एक मात्र रास्ता है।
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ये दो सबसे बड़ी मुश्किलें
1. सबसे जरूरी, सभी राज्यों में मंजूरी कैसे मिलेगी
केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव के लिए मान लो संविधान में संशोधन करती है और उसे लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बल पर पास करा लेती है, तब भी राज्यों की चुनौती बरकरार रहेगी। क्योंकि देश भर के राज्यों में एक साथ विधान सभा चुनाव कराने के लिए इस प्रस्ताव को हर विधानसभा में पारित कराना होगा और इसके लिए हर जगह पूर्ण बहुमत वाला मुख्यमंत्री होना और उसका इस प्रस्ताव का समर्थन करना जरूरी है।
2. सभी राज्य सरकारों का कार्यकाल एक साथ पूरा होना
कृष्णमूर्ति ने कहा कि ऐसा प्रावधान रखना होगा जिसके तहत अलग अलग राज्यों के कार्यकाल पूरे होने की स्थिति को एकरूप किया जा सके। इसके लिए पिछली और अगली सरकार की अवधि को समायोजित करना होगा ताकि 2024 में सभी जगह एक साथ चुनाव कराए जा सकें।
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