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
अपर्णा कुमार
पर्वतारोहण के लिए जानी जाने वाली अपर्णा कुमार ने पिछले रविवार को दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोल) भी तिरंगा लहरा दिया। ऐसा करने वाली वह पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई जितना ही यह कठिन यह मिशन अपर्णा के लिए बाधाएं तो बहुत लाया लेकिन, कुमार ने वहां पहुंच कर ही दम लिया। बता दें कि अभियान के तुरंत पहले वह निमोनिया से जूझ रही थीं।
अपर्णा कुमार ने बताया, 'जैसे इतना काफी न हीं था क्योंकि अभियान के दौरान मैंने अपना चश्मा भी तोड़ लिया था।' उत्तर प्रदेश कैडर से 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार फिलहाल देहरादून में आईटीबीपी में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं। अभियान के बारे में उन्होंने बताया, 'चेहरे को काट रहीं तेज गति से चलने वाली बर्फीली हवाओं ने और -40 डिग्री सेल्सियस तापमान में दिन के आठ घंटे स्कीइंग ने इस सफर को यादगार बना दिया।'
13 जनवरी को दक्षिणी ध्रुव पहुंची पर्वतारोही ने कहा, 'वहां मौसम कभी एक जैसा नहीं रहता। कभी तेज हवाएं चलती हैं तो कभी बर्फबारी होने लगती है। अंटार्टिक इस धरती का सबसे ठंडा और शुष्क क्षेत्र है। मेरे हाथ और उंगलियां बहुत ज्यादा ठंडे थे और मुझे फ्रॉस्ट बाइट (हिमदाह) से बेहद डर लग रहा था।' सफलता के लिए अपने पति संजय कुमार को श्रेय देते हुए अपर्णा ने खुद को बहुत सौभाग्यशाली कहा।
बर्फ पर 111 किलोमीटर चलकर कुमार साउथ पोल तक पहुंचने में कामयाब रहीं। उन्हें अपने साथ 35 किलोग्राम वजनी उपकरण अपने साथ ले जाने पड़े थे। बता दें कि कुमार दुनिया के छह महाद्वीपों की सबसे ऊंची पर्वत चोटियां पहले ही चढ़ चुकी हैं।
अभियान में यूनाइटेड किंगडम का एक साथी ऊंचाई की समस्या के चलते तो आयरलैंड का साथी कुछ दिक्कतों के चलते वापस लौट गया था। बता दें कि अभियान के दौरान अपर्णा के का एक गाइड हृदय संबंधी समस्याओं के चलते वापस लौट गया था।
13 जनवरी को दक्षिणी ध्रुव पहुंची पर्वतारोही ने कहा, 'वहां मौसम कभी एक जैसा नहीं रहता। कभी तेज हवाएं चलती हैं तो कभी बर्फबारी होने लगती है। अंटार्टिक इस धरती का सबसे ठंडा और शुष्क क्षेत्र है। मेरे हाथ और उंगलियां बहुत ज्यादा ठंडे थे और मुझे फ्रॉस्ट बाइट (हिमदाह) से बेहद डर लग रहा था।' सफलता के लिए अपने पति संजय कुमार को श्रेय देते हुए अपर्णा ने खुद को बहुत सौभाग्यशाली कहा।
बर्फ पर 111 किलोमीटर चलकर कुमार साउथ पोल तक पहुंचने में कामयाब रहीं। उन्हें अपने साथ 35 किलोग्राम वजनी उपकरण अपने साथ ले जाने पड़े थे। बता दें कि कुमार दुनिया के छह महाद्वीपों की सबसे ऊंची पर्वत चोटियां पहले ही चढ़ चुकी हैं।
अभियान में यूनाइटेड किंगडम का एक साथी ऊंचाई की समस्या के चलते तो आयरलैंड का साथी कुछ दिक्कतों के चलते वापस लौट गया था। बता दें कि अभियान के दौरान अपर्णा के का एक गाइड हृदय संबंधी समस्याओं के चलते वापस लौट गया था।
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